आगे की चिंता करे, बीते पर क्यों रोय
भला हुआ होगा भला, भला यहॉँ सब होय।
लेकर कुछ आता नहीं, लेकर कुछ न जाय
मानव फिर दिन रात ही, करे क्यूँ हाय हाय।
जो कुछ तुमको है मिला, धरणी का वरदान
जो कुछ तुमने है दिया, मत कर उस पर आन।
सब कुछ था जो और का, तेरा है वो आज
होगा कल फिर और का, तेरा है जो आज।
क्यों कर तुम हो डर रहे, काहे आपा खोय
आत्मा तो मरती नहीं, नाहि जन्म ही होय।
परिवर्तन जिसका नियम, कहलाता संसार
शाश्वत एक तू ब्रह्म है, ये गीता का सार।