यहाँ तक आनेवाली हर रस्ते को सलाम,
साथ निभाने वाली हर दस्ते को सलाम !
ये साक़ी तेरे मयख़ाने को सलाम,
जाम से भरे हर पैमानें को सलाम !
जनम जनम से प्यासी है ये रिंदो की टोली,
ये साक़ी अंगूर के रस में मिला के ला भाँग की गोली !
ख़ाली न जाये तेरे महफ़िल से कोई भी साक़ी,
पिलाता रह जब तक एक क़तरा भी है बाक़ी !
ग़म की बीती यादों को मारो गोली,
मायूसी छोड़ो, जो हो ली सो हो ली !
साथ निभाने वाली हर दस्ते को सलाम !
ये साक़ी तेरे मयख़ाने को सलाम,
जाम से भरे हर पैमानें को सलाम !
जनम जनम से प्यासी है ये रिंदो की टोली,
ये साक़ी अंगूर के रस में मिला के ला भाँग की गोली !
ख़ाली न जाये तेरे महफ़िल से कोई भी साक़ी,
पिलाता रह जब तक एक क़तरा भी है बाक़ी !
नस नस में हो इक तहलका
सा,
कदम भी लड़खड़ाये हल्का सा!
ग़म की बीती यादों को मारो गोली,
मायूसी छोड़ो, जो हो ली सो हो ली !