Kavita, Geet, Ghazal by Ashutosh Kumar
आगे की चिंता करे, बीते पर क्यों रोय भला हुआ होगा भला, भला यहॉँ सब होय। लेकर कुछ आता नहीं, लेकर कुछ न जाय मानव फिर दिन रात ही,...
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