शिव मेरा शमशान में खेले भस्म रमा के होली,
क्षीर सागर में लेटे विष्णु, नाचे देवो की टोली !
कृष्ण ने भी गोपियों संग ब्रिज में है रंग घोली,
हनुमान ने राम जी की भक्ति में खुद को भिंगोली !
इन्द्र ने भी स्वर्ग में भर दी अफ्सराओ की झोली,
ब्रह्मा जी ने आज ज्ञान की नयी शाखा है खोली !
क्षीर सागर में लेटे विष्णु, नाचे देवो की टोली !
कृष्ण ने भी गोपियों संग ब्रिज में है रंग घोली,
हनुमान ने राम जी की भक्ति में खुद को भिंगोली !
इन्द्र ने भी स्वर्ग में भर दी अफ्सराओ की झोली,
ब्रह्मा जी ने आज ज्ञान की नयी शाखा है खोली !
आओ दिल से मिलायें दिल, रंगों से मिलायें रंग,
रूठे सब अब जायें मिल, अंतर में छाये उमंग !
ख़ुशियों के गीत गायें मिलजुल कर हमजोली,
बीती ताहि बिसारी दे, जो हो ली सो हो ली !
- आशुतोष कुमार
बीती ताहि बिसारी दे, जो हो ली सो हो ली !
- आशुतोष कुमार
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